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Monday 20 April 2015
बोंजाई
हर रोज़ यह चाँद
रात की चोकीदारी में
सितारों की फ़सल बोता है
पर चाँद को सिर्फ बोंजाई पसंद है
तभी तो वो सितारों को
कभी बड़ा
ही नहीं होने देता है ।
Monday 13 April 2015
आज
मैं खुद को समेटने लगी हूँ
जोड़-जोड़ घरौंदा बनाने लगी हूँ
इतिहास को इतिहास ही रहने दो
मैंने नए आकाश तराशने के लिए
एक नयी औरत को
आमंत्रण दिया है
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